Mushroom farming business in Hindi – मशरूम की खेती से लाखों का मुनाफा कैसे कमाए, विस्तार से जानें इस लेख के माध्यम से

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

Mushroom farming business in Hindi: दोस्तों आजकल दुनिया भर में मशरूम की खेती पर काफी जोर दिया जा रहा है। जाहिर है कि मशरूम एक ऐसा वेजिटेबल फूड बन गया है जिसे लोग खाने के साथ-साथ दवाइयां में भी काफी तेजी से प्रयोग में ला रहे हैं। क्योंकि मशरूम में एक हेल्थी और न्यूट्रिशन से भरपूर  खाद्य पदार्थ है और यही वजह है कि डॉक्टर का मानना है कि मशरूम में फैट लेवल बहुत कम मात्रा में पाए जाते हैं। जिसका सेवन करने से मनुष्य का ह्रदय बहुत ही हेल्दी रहता है। अगर हम मशरूम कि खेती कि बात करें तो मशरूम की खेती सबसे कम लागत और कम जगह में करने वाला एक बेहद ही सफल कृषि व्यवसाय बन गया है। मशरूम खेती को अधिकतर कृषक लोग अपने व्यवसाय के रूप में बना रहे हैं और मशरूम की खेती करके अच्छा खासा मुनाफा भी कमा रहे हैं। भारत में उत्तर प्रदेश राज्य मशरूम की खेती का प्रमुख उत्पादक है। 

हालांकि पहले मशरूम की खेती बहुत सीमित जगह पर होती थी लेकिन आज पूरी दुनिया में  मशरूम की खेती हो रही है और देखते ही देखते मशरूम को एक हेल्थी फूड आइटम का खिताब मिल गया है और लोगों के बीच इसकी डिमांड भी बढ़ गई है। जिस वजह से मशरूम की खेती  करने के नए अवसर भी किसानों को प्राप्त हुए हैं। इसलिए दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपको मशरूम कि खेती से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां जिसमें मशरूम की खेती क्या है, इसमें कितना लागत लगता है, यह कितने प्रकार की होती है और इसके बिजनेस में क्या लागत और मुनाफे होते हैं? के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करने वाले हैं।

मशरूम क्या होता है?

दोस्तों मशरूम कि खेती को शुरू करने से पहले आपका ये जानना बेहद आवश्यक है कि आखिर यह मशरूम क्या होता है। यह कोई पौधा है और ना ही किसी सब्जी की कैटेगरी में आता है।  बल्कि मशरूम को तो फंगस की श्रेणी में रखा गया है। साधारण रूप से इसका उपयोग  सब्जियों के तौर पर ही फूड आइटम्स में किया जाता है और यह एक हेल्थी फ़ूड आइटम होने की वजह से ही मार्केट में इसकी डिमांड एकदम हाई रहती है।

मशरूम के कितने प्रकार होते हैं।

यदि आप मशरूम की खेती यानी मशरूम  फार्मिंग बिजनेस करना चाहते हैं तो आपको यह भली भांति पता होना चाहिए कि मशरूम कितने प्रकार के होते हैं। आमतौर पर मशरूम तीन प्रकार के होते हैं। तो आप किसी भी प्रकार के मशरूम का बिजनेस कर सकते हैं। 

  • बटन मशरूम
  • ओस्टर मशरूम (ढींगड़ी मशरूम)
  • मिल्की मशरूम 

 1 – बटन मशरूम 

इस कड़ी में हम सबसे पहले बात करेंगे बटन मशरूम कि क्योंकि मशरूम के प्रकारों में सबसे पहले प्रकार बटन मशरूम का है, जिसे कम टेंपरेचर वाले एरिया में उगाया जाता हैं।  हालांकि जब से ग्रीनहाउस टेक्नोलॉजी आई है, तब से इसे किसी भी टेंपरेचर में उगा सकते है।  सरकार द्वारा भी बटन मशरूम के बिजनेस को काफी ज्यादा प्रोत्साहन दी जा रही है। आपको इस बात का ध्यान रखना आवश्यक है कि बटन मशरुम को उगाने के लिए 14-18°C का टेम्परेचर, प्रॉपर मॉइस्चर और फ्रेश एयर का होना बेहद ज़रूरी है। 

2 – ओस्टर मशरूम (ढींगड़ी मशरूम)

इस कड़ी में दूसरे नंबर पर ओस्टर मशरूम जिसका दूसरा नाम ढींगरी मशरुम है। ओस्टर मशरूम का बिजनेस करना काफी ज्यादा आसान सस्ता और किफायती है। इस मशरुम में अन्य  श्रेणी के मशरूमों से ज्यादा मेडिकल प्रॉपर्टीज पायी जाती हैं। ओस्टर मशरूम की डिमांड सबसे अधिक दिल्ली, मुंबई, कोलकाता  और चेन्नई जैसे शहरों में है। इसलिए इसका उत्पादन बीते कुछ सालो में 10 गुना से ज्यादा बढ़ चुका है। बताते चलें, मध्य प्रदेश, वेस्ट बंगाल, महाराष्ट्र, गुजरात, केरल और राजस्थान में ढींगड़ी मशरुम की खेती बहुत अधिक लोकप्रिय है।

3 – मिल्की मशरूम 

इस कड़ी में तीसरे और आखिरी नंबर पर मिल्की मशरुम है, जिसको साइंटिफिक नाम कालॉयबे इंडिका के नाम से भी जाना जाता है। इस मशरूम का आकर बटन मशरूम के समान ही मिलता जुलता होता है। हालांकि मिल्की मशरुम की खेती करने के लिए हाई टेम्परेचर की आवश्यकता होती है। वही फंगस को स्प्रेड होने के लिए 25-35° सेल्सियस टेम्परेचर और 80-90% मॉइस्चर कंटेंट की ज़रूरत होती है।

क्या है मशरूम की खेती? | Mushroom farming business in hindi

मशरूम कम लागत और कम जगह में होने वाली खेती है। अधिकतर लोगों को यह भ्रम है कि मशरूम पौधे में उगाया जाता है। उन्हें लगता है कि पौधे की तरह ही इसमें खाद और भूसे डालकर इसे उगाया जाता है। लेकिन अगर सही रूप से देखा जाए तो मशरूम को ना तो पौधे और नहीं किसी सब्जी की कैटेगरी में रखा जाता है। बल्कि मशरूम को तो फंगस की श्रेणी में रखा गया है।

Mushroom farming business in Hindi
Mushroom farming business in Hindi

साधारण रूप से इसका उपयोग  सब्जियों के तौर पर ही फूड आइटम्स में किया जाता है और यह एक हेल्थी फ़ूड आइटम होने की वजह से ही मार्केट में इसकी डिमांड एकदम हाई रहती है। किसी किसान/सप्लायर के माध्यम से मशरुम की हाई डिमांड को पूरा किया जाता है। इसलिए इस बिज़नेस को मशरुम की खेती या मशरुम फार्मिंग बिज़नेस के रूप में जाना जाता है। 

मशरूम फार्मिंग कैसे करें?

मशरूम फार्मिंग अलग-अलग मशरूमों के प्रकार के आधार पर होती है। इसका विस्तार रूप से वर्णन कुछ इस प्रकार है।

1 –  बटन मशरूम की खेती की सही विधि

•  खेती का सही समय 

बटन मशरूम के खेती का सबसे उचित समय अक्टूबर से मार्च का महीना होता है। इसके हार्वेस्टिंग के लिए शुरुवात में 220-260 टेम्परेचर होना आवश्यक होता है। इस टेम्परेचर पर फंगल ट्रैप बहुत तेज़ी से स्प्रेड होता है। जिसके बाद आप इसके टेंपरेचर में कमी करके ताप 140-180 के बीच में भी रख सकते हैं। अगर आप इससे ज्यादा कम टेम्परेचर करते है तो बटन मशरुम बहुत कम रेट पर ग्रो करेंगे। 

•  कंपोस्ट बनाने की विधि 

बटन मशरूम फार्मिंग के लिए यह एक स्पेशल प्रकार का खाद होता है जिसे कंपोस्ट कहते हैं। इसको बनाने के लिए कुछ सामग्रियों की आवश्यकता होती है। जिससे कंपोस्ट तैयार किया जाता है।

  • 1 – सुपर फास्फेट
  • 2 – यूरिया
  • 3 – गेहूं और चावल का भूसा
  • 4 – अमोनियम सल्फेट
  • 5 – जिप्सम
  • 6 – कैल्शियम अमोनियम नाइट्रेट
  • 7 – वीट ब्रेन 

बीजाई –

बटन मशरुम के बीज एकदम ताजा, फुल्ली ग्रोन और फंगस फ्री होने आवश्यक है। ध्यान रहें मशरुम बीज की क्वांटिटी 1 क्विंटल कम्पोस्ट में 0.75-1 किलोग्राम होनी चाहिए। इन बीजों को भली भांति मिक्स कर कंपोस्ट में मिला दें। उन्हें 12 इंच के पॉलिथीन बैग में या 6-8 इंच की पॉलिथीन शीट पर शेल्फ में भर दें। हालांकि इस समय रूम का तापमान 250 और मॉइस्चर कंटेंट 70% ही रखना चाहिए। 15 दिनों के भीतर बीजाई की प्रक्रिया पूरी हो जाती है और इसके बाद केसिंग की ज़रूरत पड़ती है।

• केसिंग

केसिंग के लिए एक मिश्रण को तैयार करना पड़ता है। मिश्रण तैयार करने के लिए कुछ विशिष्ट अनुपात में इंग्रीडिएंट्स लेने पड़ते है जैसे –

  • 1 – गार्डन फर्टिलाइजर (FYM) लोम मिट्टी (1:1)
  • 2 – FYM 2 साल पुराना बटन मशरूम फर्टिलाइजर (1:1)
  • 3 – FYM लोम मिट्टी दो साल पुराना बटन मशरूम माइन्यूर

सारी विधि को पूरा करने के बाद 80 दिनों में मशरूम की हार्वेस्टिंग होती रहती है।

ओस्टर और मिल्की मशरूम खेती की विधि –

इस विधि के अंतर्गत मशरुम उत्पादन में कुछ केमिकल्स की सहायता से गेंहू के भूसे से बैक्टीरिया एलपी को जड़ से खत्म किया जाता है। जिससे मशरूम भूसे में अच्छी प्रकार से ग्रो कर पाएं। 

•  भूसे का शुद्धिकरण 

भूसे को पानी में अच्छी तरह से मिलकर उसे पैरों से क्रश किया जाता है, जिससे की भूसा पानी में अच्छे प्रकार से मिल जाए। इससे प्लास्टिक तारपोलिन से अच्छे से कवर कर दिया जाता है। यह प्रोसेस करने का मुख्य कारण यह है कि भूसा एयर के संपर्क में न आये। 

•  भूसे को सुखाना

मशरूम खेती का दूसरा स्टेप है, भूसे को ड्राई करना यानी उसे अच्छे प्रकार से सुख देना। भूसे को इसलिए सुखाया जाता है जिससे की उसमें उपस्थित सारे केमिकल पार्ट्स अच्छे तरीके से निकल जाएं। इसके बाद नीचे दिए गए इस विधि के अनुसार मशरूम फार्मिंग के चरण को पूरा किया जाता है। 

  • 1 – स्पावन की बीजाई करना
  • 2 – मिल्की मशरूम की बीजाई करना
  • 3 – ओस्टर मशरूम की बिजाई करना 

मशरूम के बीज कहां से लें?

दोस्तों यदि आप मशरूम की खेती करने जा रहे हैं तो मन में सबसे पहला ख्याल यही आता है कि मशरूम की खेती के लिए बीज कहां से लें। तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मशरूम की खेती के लिए बीज आप ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों प्रकार के मार्केट से खरीद सकते हैं। यदि आप ऑफलाइन बीज खरीदना चाहते हैं तो सरकार द्वारा निर्मित किए गए कृषि केन्द्रों (गवर्नमेंट एप्रूव्ड एग्रीकल्चरल सेंटर्स) की सहायता से अच्छे बीज खरीद सकते हैं। इन कृषि केंद्रों पर 80 से ₹100 प्रति किलो मशरूम बीज उपलब्ध हो जाएंगे।

वही आप ऑनलाइन बीज खरीदना चाहते हैं तो सबसे अच्छा मशरूम बीज इंडिया मार्ट से खरीद सकते हैं। जहां आपको ₹70 प्रति किलो के भाव में मशरूम बीज मिल जाएंगे। इस प्लेटफार्म पर आपको कम दाम में सबसे किफायती और अच्छे बीज उपलब्ध हो जाते हैं।

Also Read: किसानों के लिए वरदान है ये फसल, इसकी खेती से सिर्फ 3 माह में 6 लाख की कमाई, जानें कैसे – Chia Seeds Ki Kheti

मशरूम की खेती में लागत –

मशरूम फार्मिंग बिजनेस एक ऐसा व्यवसाय है जिसे आप छोटे स्तर से लेकर बड़े स्तर पर कर सकते हैं। जिसमें आप कम से कम  लागत में ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं। छोटे स्तर पर मशरूम की खेती करने के लिए आपके पास एक खेत होना चाहिए। वही बड़े स्तर पर मशरूम की खेती करने के लिए एक बड़ी फैक्ट्री का होना आवश्यक है। जिसमें लागत आप अपनी क्षमता के अनुसार लगाकर मशरूम फार्मिंग बिजनेस को शुरू कर सकते हैं।

मशरूम खेती से होने वाले मुनाफे –

मशरूम फार्मिंग बिजनेस एक ऐसा व्यवसाय बन गया है, जिसमें आए दिन 10- 12% की बढ़ोतरी होती जा रही है। क्योंकि इस बिजनेस में आप कम लागत में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। उदाहरण के तौर पर यदि 3000 किलोग्राम मशरुम की खेती की जाती हैं जो कि मार्किट में एकदम सरलता से 100 रुपए प्रतिकिलो के दाम पर बेचे जाते हैं। इस आधार पर ही आप यह अनुमान लगा सकते हैं कि मशरूम खेती के बिजनेस में कितना ज्यादा मुनाफा होता है।

निष्कर्ष – Mushroom farming business in hindi

दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हमने आपको मशरूम की खेती से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियों को प्रदान करने की कोशिश की है। उम्मीद है आपको हमारा आज का यह आर्टिकल बेहद पसंद आया होगा। ऐसे ही ज्ञानवर्धक आर्टिकल को पढ़ाने हेतु जुड़े रहिए हमारे साथ धन्यवाद।

Read More: 40+ तरीके ऑनलाइन पैसे कमाने के जानिए Online Paise Kaise Kamaye 2025

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top